सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा की गई प्रमुख पहलें और प्राप्त उपलब्धियां

सर्वोच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्लूएस) के लिए 10 प्रतिशन आरक्षण को जारी रखा

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर मई 2023 में 18 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 17,000 सीमावर्ती गांवों में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरूआत करेगा

2022-23 से, अनुसूचित जाति और अन्य के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं को ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा और एपीबीएस के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में केंद्रीय सहायता का भुगतान किया जाएगा

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (एनओएस) के अंतर्गत सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी

वर्ष 2022 (जनवरी-नवंबर, 2022) के दौरान, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) ने 1,28,409 लाभार्थियों के बीच 418 करोड़ रुपये का वितरण किया

वर्ष 2022 के दौरान गैर-सरकारी संगठनों/संगठनों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम योजना के अंतर्गत 75.63 करोड़ रुपये कुल अनुदान प्रदान किया गया

Posted On: 26 DEC 2022 3:31PM by PIB Delhi

ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण

सरकार की कोशिशों के कारण, संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 के माध्यम से संविधान में नए अनुच्छेद 15(6) और 16(6) को शामिल किया गया। ये अनुच्छेद राज्यों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शैक्षिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत तक का आरक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं। इसके आधार पर सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की योजना जनवरी 2019 में लागू की गई। संविधान 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में कई रिट याचिकाएं दायर की गई थीं। प्रमुख मामला 2019 का रिट याचिका 55 है – जनहित अभियान बनाम भारत संघ। इन सभी मामलों को सर्वोच्च न्यायालय ने 5.8.2020 को संविधान पीठ के पास विचार के लिए भेजा था। लेकिन संविधान पीठ ने दिनांक 7.11.2022 बहुमत के फैसले से संविधान 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है और सभी रिटों को खारिज कर दिया।

  1. नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए)
  1. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 15 अगस्त 2020 को एनएमबीए की शुरुआत की थी और व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से प्राप्त इनपुट के आधार पर सबसे पहले 372 कमजोर जिलों में लागू किया जा रहा है। एनएमबीए का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों और स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करने, आश्रित आबादी तक पहुंचने और उनकी पहचान करने, अस्पतालों और पुनर्वास केंद्रों में परामर्श और उपचार सुविधाओं और सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ जनता तक पहुंचने और मादक पदार्थों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना है।
  2. नशा मुक्त भारत अभियान एक निरंतर चलने वाली गतिविधि है जिसे युवाओं, महिलाओं, शैक्षणिक संस्थानों और समुदाय के अन्य सभी वर्गों से अपार समर्थन प्राप्त हो रहा है।
  3. एनएमबीए की उपलब्धियां
  • अब तक, जमीनी स्तर पर आयोजित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 3 करोड़ से अधिक युवाओं और 2 करोड़ से अधिक महिलाओं सहित 9.3 करोड़ से अधिक लोगों को मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूक किया गया है।
  • एनएमबीए में 2.7 लाख से ज्यादा शैक्षिक संस्थानों की भागीदारी।
  • 8,000 से ज्यादा मास्टर स्वयंसेवकों (एमवी) की पहचान की गई और उन्हें एनएमबीए का नेतृत्व करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
  • एनएमबीए के आधिकारिक ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया एकाउंट्स के माध्यम से जागरूकता फैलाना।
  • एनएमबीए मोबाइल एप्लिकेशन एनएमबीए गतिविधियों के डेटा और एनएमबीए डैशबोर्ड को एनएमबीए वेबसाइट (http://nmba.dosje.gov.in) पर प्रदर्शित करने के लिए विकसित किया गया है।
  • 99,595 शैक्षणिक संस्थानों के 1.67 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने राष्ट्रीय नशा मुक्त प्रतिज्ञा में हिस्सा लिया।
  • एनसीसी’ युवाओं और अन्य हितधारकों के साथ जुड़ने और उन्हें शामिल करने के लिए ‘नशे से आज़ादी- एक राष्ट्रीय युवा और छात्र संवाद’ कार्यक्रम  ‘नया भारत, नशा मुक्त भारत’, ‘एमएमबीए द्वारा एनसीसी के साथ बातचीत जैसे कार्यक्रमों का नियमित आयोजन किया जाता है।
  • आध्यात्मिक/समाजसेवी संगठन जैसे चिन्मय मिशन, आरके मिशन, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन, ब्रह्माकुमारी और संत निरंकारी मिशन जैसे संगठन सक्रिय रूप से एनएमबीए को समर्थन देते है।
  • नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर)- यह एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत जागरूकता निर्माण, क्षमता निर्माण, परामर्श, उपचार और पुनर्वास के माध्यम से नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, गैर-सरकारी संगठनों/वीओ और सरकारी अस्पतालों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

एनएपीडीडीआर योजना के अंतर्गत शुरू की गई गतिविधियां निम्नलिखित हैं

  1. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा समर्थित उपचार और परामर्श
  • नशे के आदी लोगों के लिए 341 एकीकृत पुनर्वास केंद्र (आईआरसीए)
  • 72 आउटरीच और ड्रॉप इन केंद्र (ओडीआईसी)
  • 49 समुदाय आधारित पीयर लीड इंटरवेंशन (सीपीएलआई)
  • 41 व्यसन उपचार सुविधाएं (एटीएफ)
  • 14 जिला नशामुक्ति केंद्र (डीडीएसी)
  • सभी सुविधाओं का जियो-टैग, जिससे जरूरतमंद लोग इस तक आसानी से पहुंच सकें
  • राष्ट्रीय टोल फ्री नशा मुक्ति हेल्पलाइन ‘14446’
  • नशामुक्ति और परामर्श से 2,86,402 लोग लाभान्वित हुए
  • 2021-22 में एमओएसजेई द्वारा समर्थित केंद्रों में प्रदत्त सेवाएं
  1. जागरूकता
  • नवचेतना मॉड्यूल: एमओएसजेई द्वारा विकसित शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल ‘नवचेतना मॉड्यूल’ के माध्यम से 10 लाख से ज्यादा शिक्षकों और 2.4 करोड़ से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे छात्रों (6ठी से 11वीं कक्षा), शिक्षकों और माता-पिता को नशीली दवाओं की लत, इससे मुकाबला करने की रणनीतियां और जीवन कौशल के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके।
  • 2017-22 में, एससीईआरटी, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों, एनएसएस और एनवाईके, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) संस्थानों, सरकारी विभागों और जीआईए में 5,523 जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से 2,66,817 लोगों को नशा के प्रति संवेदनशील बनाया गया।

व्यसन उपचार सुविधाएं (एटीएफ):

  • नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में औषध निर्भरता उपचार केन्द्र को 125 चिन्हित किए गए संवेदनशील जिलों/क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में 125 व्यसन उपचार सुविधाओं (एटीएफ) की स्थापना करने का कार्य सौंपा गया, जहां पर कोई आईआरसीए कार्य नहीं कर रहा था।
  • 41 एटीएफ को मंजूरी प्रदान की गई और 29 एटीएफ में सेवाएं शुरू हो चुकी हैं।

अगले वर्ष के लिए आगे की योजनाएं

  • सीमावर्ती गांवों में एनएमबीए: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर मई 2023 में 18 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 17,000 सीमावर्ती गांवों में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरूआत करेगा।
  • जेलों में नशा मुक्ति केंद्र: अब तक हरियाणा के विभिन्न जिलों के जेल परिसरों में 15 नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं और त्रिपुरा राज्य के जेल परिसर में एक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया गया है।
  • परामर्श और नशा मुक्ति सुविधाओं को मजबूत करना: परामर्श, उपचार और पुनर्वास सेवाओं को व्यापक पहुंच प्रदान करने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय गैप जिलों में जिला नशा मुक्ति केंद्र (डीएसी) और सरकारी अस्पतालों में व्यसन उपचार सुविधाओं (एटीएफ) की स्थापना करेगा।
  1.  अनुसूचित जातियों के लिए प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
  • 2022-23 से, अनुसूचित जातियों और अन्य लोगों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन ऑनलाइन किया जाएगा और एपीबीएस के माध्यम केंद्रीय सहायता राशि का भुगतान सीधे प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में किया जाएगा।
  • वित्त वर्ष 2022-23 से, अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत, छात्रों के सत्यापन की सभी प्रक्रिया बिना किसी मैनुअल प्रक्रिया के डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए स्वचालित रूप से प्रमाणित डेटाबेस का उपयोग करके की जाएगी।
  • वित्त वर्ष 2022-23 से प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत, ऑनलाइन एंड टू एंड प्रोसेसिंग, ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से पात्रता के सत्यापन में ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने, संस्थानों द्वारा दोहरेपन और गलत दावों को नियंत्रित करने का काम शुरू किया गया है।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 से, योजनाओं का सुचारू और प्रभावी कार्यान्वयन करने के लिए उपर्युक्त दोनों योजनाओं के लिए लाभार्थियों की प्रमाणिकता का सत्यापन करने के लिए राज्य के छात्रवृत्ति पोर्टलों पर छात्रवृत्ति आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं।

वर्ष 2022 में इस विभाग द्वारा प्राप्त भौतिक और वित्तीय उपलब्धियां निम्नानुसार हैं:

वर्षपीएमएस-एससीएससी और अन्य के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति (कॉम्प 1)अनुसूचित जातियों और अन्य के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति (कॉम्प II)
लाभार्थियों की संख्या (लाख में)केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपये में)लाभार्थियों की संख्या (लाख में)केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपये में)लाभार्थियों की संख्या (लाख में)केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपये में)
2021-2248.89*4111.53*34.79509.3433296960.84

*लाभार्थियों की संख्या और राशि में बढ़ोत्तरी हो सकती है क्योंकि लंबित आवेदनों को निपटाने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।

  1.  राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (डीओएसजेई) अनुसूचित जाति आदि के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (एनओएस) लागू कर रहा है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों के चयनित छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है; गैर अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियां; भूमिहीन कृषि मजदूर और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों को विदेशों में परास्नातक और पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम करने के लिए।

प्रमुख पहल: यह विभाग समय-समय पर एनओएस योजना दिशा-निर्देशों की समीक्षा करता है और प्रक्रियाओं को सरल बनाने और प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए इसमें परिवर्तन करता रहता है, कुछ प्रमुख पहल निम्नानुसार हैं:-

  • एनओएस के अंतर्गत 2021-22 से सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है।  
  • बिना शर्त प्रस्ताव पत्र रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस प्रकार से बिना पुष्टि किए प्रवेश नहीं लेने वाले छात्रों द्वारा सीट को अवरुद्ध करने से बचाया जाता है।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि सर्वश्रेष्ठ छात्रों का चयन किया जाता है जो कि सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा का खर्च वहन कर सकते हैं, छात्रों का चयन संस्थानों की शीर्ष 500 क्यूएस अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग की योग्यता के आधार पर किया जाता है, जिस संस्थानों में उन्होंने 2021-22 से नामांकन प्राप्त किया है।
  • लोगों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने और छात्रवृत्ति योजना का प्रचार करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है। इन विज्ञापनों को राष्ट्रीय समाचार पत्रों (दैनिक) के साथ-साथ क्षेत्रीय समाचार पत्रों में भी छपवाया जाता है। छात्रवृत्ति योजनाओं के फायदे को आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारित किया जाता है।

एनओएस योजना की भौतिक/वित्तीय उपलब्धियां

  1. वर्ष 2022-23 के दौरान 125 उम्मीदवारों का चयन किया गया जिसका मतलब यह है कि सभी उपलब्ध सीट पूरी तरह से भरे हुए थे।
  2. 2021-22 के दौरान, आवंटित राशि को 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35 करोड़ रुपये कर दिया गया। 2022-23 के लिए बीई 36 करोड़ रुपये है।
वित्तीय वर्षबी.ई.(करोड़ रुपये में)आर.ई.(करोड़ रुपये में)व्यय(करोड़ रुपये में)चयनित उम्मीदवार
2018-1915.0015.005.97100
2019-2020.0020.0028.56100
2020-2120.0030.0032.92100
2021-2230.0035.0049.06125
2022-2336.0060.00(प्रस्तावित)16.82*125

12.12.2022 तक का व्यय

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप (एनएफएससी)

योजना का उद्देश्य अनुसूचित जातियों के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थाओं/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान विषयों में एमफिल, पीएचडी के लिए उच्च अध्ययन प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में फेलोशिप प्रदान करना है।

एनएफएससी का भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप के तहत बजट अनुमान और व्यय और लाभार्थी
वर्षबजट आवंटन (करोड़ रुपये में)फंड जारी (करोड़ रुपये में)प्रदान की कुल गई फैलोशिप
2014-15200.00148.842000
2015-16209.55200.552000
2016-17200.00196.002000
2017-18230.00225.402000
2018-19300.00255.812315
2019-20360.00246.662366
2020-21300.00119.004841 (केवल जून 2020 चक्र और बैकलॉग स्लॉट सहित)
2021-22300.00122.431932 (एनटीए के दिसंबर 2020 और जून 2021 और सीएसआईआर के जून 2021 चक्र के विलय चक्र के विरूद्ध)
2022-23173.0085.00(12.12.2022 तक) 
पिछले वर्षों के खाली स्लॉट को हटा दिया गया।े लिए परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है।
  1. ओबीसी के लिए प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप/ वाइब्रेंट इंडिया के लिए पीएम यंग अचीवर्स स्कॉलरशिप अवार्ड स्कीम (पीएम-यशस्वी)

इस योजना का उद्देश्य ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों से संबंधित छात्रों पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहचान करना और बढ़ावा देना है। इस योजना में सरकार द्वारा चुने गए प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई करने के लिए ओबीसी/ ईबीसी/ डीएनटी छात्रों को कवर किया जाएगा।

  • इस योजना को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।
  • इसमें छात्राओं के लिए 30 प्रतिशत स्लॉट आरक्षित होंगे। पर्याप्त संख्या में छात्राओं की कमी होने पर, स्लॉट को छात्रों की पारस्परिक योग्यता के आधार पर पात्र लड़कों द्वारा भरा जा सकता है।
  • इस योजना का लाभ एक परिवार में दो से ज्यादा भाई-बहनों को नहीं दिया जाएगा। छात्रों को यह प्रमाणित करने के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा कि उनके परिवार का कोई तीसरा भाई या बहन नहीं है जो इस योजना के अंतर्गत लाभ उठा रहा है।
  • यदि छात्र अगले सेमेस्टर/ कक्षा में जाने में असफल रहता है तो उसकी छात्रवृत्ति समाप्त हो जाएगी।
  • फंड की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में जाएगी।
  • सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति प्राप्त करने में हुई प्रशासनिक देरी के कारण 2021-22 में इस योजना को लागू नहीं किया जा सका। इसलिए, शुरुआती वर्ष को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान वर्ष लाभार्थियों की संख्या/ स्लॉट केवल 15,000 रखा गया है।

स्कॉलरशिप फॉर पीएम केयर्स चिल्ड्रन (पीएम-केयर) की केंद्रीय क्षेत्र योजना

इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को छात्रवृत्ति सहायता प्रदान करना है जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खो दिया है जिससे वे कक्षा 1 से कक्षा 12 तक अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।

2022-23 में बीसी डिवीजन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त उपलब्धियां

योजनावित्तीय (लाख में)भौतिक
पीएम यशस्वी
ओबीसी/ईबीसी और डीएनटी छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति0.00लाभार्थियों की संख्या राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अगले वर्ष के प्रस्ताव के साथ प्रदान की जाती है 
ईबीसी और डीएनटी छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति 0.34
ओबीसी छात्रों के लिए लड़कों और लड़कियों के छात्रावास 5.841400 सीटों के लिए
श्रेयस
ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप45.841067 छात्रों के लिए
ओबीसी/ईबीसी छात्रों को विदेश में अध्ययन करने के लिए डॉ अम्बेडकर योजना18.674708 छात्रों के लिए
पीएम-केयर्स
पीएम-केयर्स बच्चों के लिए छात्रवृत्ति789.403947 छात्रों के लिए
  1. प्रधानमंत्री अनुसुचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय)

प्रधानमंत्री अनुसुचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) को इस विभाग की तीन पूर्ववर्ती योजनाओं, अर्थात् प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई), अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीएसपी को एससीए) और बाबू जगजीवन राम छात्र योजना (बीजेआरसीवाई) को मिलाकर बनाया गया, जिसका कार्यान्वयन संसाधनों का बेहतर अभिसरण और सर्वोत्तम उपयोग के लिए विलय की गई योजना के घटकों के रूप में किया जाएगा।

(क) कौशल विकास, आय सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के माध्यम से अतिरिक्त रोजगार का अवसर उत्पन्न करते हुए अनुसूचित जाति समुदायों की गरीबी को कम करना।

(ख) अनुसूचित जाति बहुल गांवों में पर्याप्त अवसंरचना और अपेक्षित सेवाएं सुनिश्चित करते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास संकेतकों में सुधार लाना।

(ग) साक्षरता दर में वृद्धि करना और विशेष रूप से आकांक्षी जिलों/अनुसूचित जाति बहुल ब्लॉकों और भारत में अन्य स्थानों पर गुणवत्तापूर्ण संस्थाओं के साथ-साथ आवासीय विद्यालयों में पर्याप्त आवासीय सुविधाएं प्रदान करते हुए स्कूलों और उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जातियों के नामांकन को प्रोत्साहित करना।

घटकवार ब्यौरा निम्नलिखित है-

  1. आदर्श ग्राम घटक (पूर्ववर्ती पीएमएजीवाई): 2022 में जनवरी से दिसंबर  तक के अपेक्षित इनपुट निम्नानुसार हैं:
चुने गए नए गांवों की संख्यापहले चुने गए गांवों की संख्या, जहां हाउस होल्ड सर्वेक्षण शुरू हुआपूर्व में चयनित गांवों की संख्या, जहां ग्राम विकास योजना सृजित हुईआदर्श ग्राम के रूप में घोषित पूर्व में चयनित ग्रामों की संख्या
11500522543424242

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