ट्रेड यूनियन (जिसे श्रमिक संघ या श्रम संघ भी कहा जाता है) श्रमिकों का एक ऐच्छिक संगठन होता है। इसका गठन श्रमिकों द्वारा अपने समान हितों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। यह संगठन मुख्य रूप से श्रमिकों और नियोक्ताओं (मालिकों) के बीच या श्रमिकों और श्रमिकों के बीच संबंधों को नियंत्रित (regulate) करने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
सरल शब्दों में, यह कर्मचारियों की सामूहिक आवाज़ है जोशोषण से बचने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए एकजुट होते हैं।
कर्मचारी हित में ट्रेड यूनियन के प्रमुख कार्य
ट्रेड यूनियनें अपने सदस्यों (कर्मचारियों) के हितों की रक्षा और संवर्धन के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करती हैं:
- सामूहिक सौदेबाजी (Collective Bargaining): यह ट्रेड यूनियन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। यूनियनें अपने सभी सदस्यों की ओर से वेतन, काम के घंटे, छुट्टियों, बोनस और अन्य लाभों पर नियोक्ता (employer) के साथ सामूहिक रूप से बातचीत (bargaining) करती हैं। इससे कर्मचारियों को अकेले बातचीत करने की तुलना में अधिक शक्ति मिलती है।
- कार्य स्थितियों में सुधार: यूनियनें कर्मचारियों के लिए काम करने की बेहतर और सुरक्षित स्थिति सुनिश्चित करने के लिए काम करती हैं, जैसे:
- सुरक्षा मानकों को लागू करवाना।
- पर्याप्त स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं की मांग करना।
- कार्य के माहौल को बेहतर बनाना।
- श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा: यह सुनिश्चित करना कि श्रमिकों को अन्याय, मनमानी बर्खास्तगी या भेदभाव का सामना न करना पड़े। यूनियनें श्रम कानूनों के तहत श्रमिकों को कानूनी सहायता और प्रतिनिधित्व प्रदान करती हैं।
- आर्थिक प्रगति: श्रमिकों के उचित वेतन और आर्थिक लाभ को सुरक्षित करना। इसमें बोनस, पेंशन योजनाएँ, और अन्य वित्तीय लाभ शामिल हैं।
- शिकायतों का निवारण: कर्मचारियों की व्यक्तिगत और सामूहिक शिकायतों को सुनना और उन्हें प्रबंधन (management) के सामने उठाना तथा उनका समाधान सुनिश्चित करना।
- सामाजिक और कल्याणकारी कार्य:
- आपसी सहयोग की भावना में वृद्धि करना।
- सदस्यों के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण, आवास, या चिकित्सा जैसी कल्याणकारी सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
प्रतिनिधित्व: औद्योगिक विवादों (industrial disputes) के संबंध में श्रम न्यायालयों या अन्य अधिकारियों के सामने श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करना।








